Saturday, September 12, 2009

जिसका जैसा मन होता है
वैसा ही दरपन होता है

छोटे से दिल में भी यारो
बहुत बडा आँगन होता है

प्यार न जिससे बांटा जाये
कितना वो निर्धन होता है

जब भी वो मिलता है हम से
पतझड़ भी सावन होता है

सुख दुःख में जो साथ निभाए
सच्चा वो बंधन होता है

Friday, September 11, 2009

कोई अच्छा बुरा नही होता
वक्त का कुछ पता नही होता

सब की खुशियों में गम में शामिल है
कोई यूँ ही खुदा नही होता

इश्क में रास्ते तो होते हैं
मंजिलों का पता नही होता

इक सी मजबूरियां रहे बेशक
हर कोई बेवफा नही होता

दिल में हरपल वो साँस लेता है
दर्द यूँही जवां नही होता

Tuesday, September 8, 2009

शाम ढली है चाँद अभी निकला निकला
छत पर मैं अम्बर पे वो तनहा तनहा

छोड़ लड़कपन होश अभी संभला संभला
मौसम का हर रंग लगे बहका बहका

कभी भटकता रहता हूँ सहरा सहरा
कभी रहूँ मैं कागज़ पर बिखरा बिखरा

कच्ची उम्र का प्यार मेरा पहला पहला
संदल वन सा तन मेरा महका महका

आज मेरे चेहरे पर एक उदासी है
आज की शब है चाँद भी कुछ उतरा उतरा