मित्रों,आचार्य चतुर सेन द्वारा रचित "सोमनाथ" को पढने के लिए कुछ समय निकालें॥
आपको यकीन हो जाएगा कि ताज महल हो या फिर कोई भी अन्य मुग़ल कालीन इमारत इन सब की नीव हिन्दू देवताओं की लाश पर बनी हुई है....वक़्त सबका हिसाब लेता है,वक़्त आएगा इंतिज़ार करो ...
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