Saturday, August 15, 2009

हास्य कविता

(श्रोता आचार सहिंता )

पढ़े-लिखे श्रोताओं का कवि सम्मलेन में आना
अब नहीं होगा आसान
क्यूंकि गेट पर खड़ा दरवान
आने वाले सभी श्रोताओं से
रजिस्टर में अंगूठा लगवाएगा
और जिसने भी साईन करने की कोशिश की
बहार से भगा दिया जायेगा।
अच्छी याददास्त वाले श्रोता भी
कवि सम्मलेन में बहुत बड़ी बाधा है
इनके ना आने में ही
कवि सम्मलेन और कविओं की भलाई है
क्यूंकि वर्षों से किसी भी बडे कवि ने
एक भी नई कविता नही सुनाई है..।
एक ही चुटकुले
को एक ही कवि सम्मलेन
में एक एक कर
सभी कविओं के मुहं से सुनने के बाद भी
जो श्रोता हस्त हुआ पाया जाएगा
उसका लक्की ड्रा करवाया जाएगा
ड्रा में जिस भी श्रोता का नाम आया
कवि रात्री -भोज उसी कि यहाँ खायेंगे
और धन्यवाद यापन में वही चुटकुला दोबारा सुनायेंगे।
श्रोता पुराने जूते-चप्पल पहनकर
कवि सम्मलेन में नही आयेंगे
और कव्यत्रिओं के लिए अतिरिक्त ताली भी नही बजायेंगे
हूट करने वाले श्रोता से १००० रूपये का जुर्माना लिया जाएगा
और तत्काल प्रभाव से ये राशी
हूट हुए कवि को दिया जाएगा ।
इस व्यवस्था से कवि फूले नही समाएंगे
खु़द को हूट करने के लिए श्रोताओं को
बार-बार उकसायेंगे।
श्रोता से आयोजक बने लोग जादा सम्मान पाएंगे
सारे कवि उन्हें अपना बडा भाई बताएँगे
कवि सम्मलेन के जुमले दोस्तों को सुनाते हुए पकड़े जाने पर
आयोजकों द्वारा क्लेम लिया जाएगा
आयोजक क्लेम की राशी खु़द नही खायेंगे
बल्कि उन पैसों से दुबारा कवि सम्मलेन करवाएंगे ।
कोई भी कवि से कविता का अर्थ नही पूछेगा
और कव्यत्रिओं से डेट ऑफ़ बर्थ नही पूछेगा
कवि किसीकी भी कविता को अपना कह कर सुनायेंगे
और कव्यत्रिओं को ५०० रूपये अतिरिक्त साज-सज्जा के लिए दिए जायेंगे
और आचार सहिंता का आखरी नियम तो सभी को अपनाना होगा
कविता चाहे कैसी भी हो खत्म होते ताली बजाना होगा।

5 comments:

परमजीत सिहँ बाली said...

बहुत जोरदार रचना है।मजेदार..:))

अविनाश वाचस्पति said...

आपने रहस्‍य पा लिया है
शिखर अब आपके करीब है।

समयचक्र said...

बहुत बढ़िया हास्य कविता धन्यवाद.

RAJNISH PARIHAR said...

बहुत ही अच्छी कविता...

Arun Mittal "Adbhut" said...

एक उम्दा हास्य कविता ..... एक अच्छा प्रयोग ....

अरुण अद्भुत